सुशांत के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट

सुशांत के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट:रिश्तेदार और गांववाले बोले- सुशांत आता था तो दूरा चमक जाता था, अब तो सब अन्हारे है; बस उसके गुनहगारों को सजा मिले




 

 

 



  • सुशांत के चाचा बोले- हमारा बच्चा चला गया, वह दिन हो या आज का दिन, कुछ नहीं बदला

  • बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत मूल रूप से पूर्णिया जिले के मलडीहा गांव के रहने वाले थे










सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया है कि सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच सीबीआई करेगी। इस फैसले से सुशांत के पैतृक गांव पूर्णिया के मलडीहा में कुछ खास हलचल नहीं है। रिश्तेदार सुकून में हैं कि जांच सीबीआई को सौंपी गई है, पर उन्हें इंतजार है कि गुनहगारों को सजा मिले। गांव वालों से सवाल पूछा तो वो यादों में खो गए। उदास होकर कहने लगे कि आता था तो दूरा (दरवाजा) चमक जाता था, अब तो अन्हारे (अंधेरा) है... सबकुछ।


गांव के राजीव हों या रामदुलार, सभी कहते हैं कि हमारे बच्चे को मार दिया। अब तक कोई नहीं भूला है उसे और न ही कोई कभी भूल सकेगा। बस उसके कातिलों को सजा मिल जाए।


चाचा बोले- हमारे लिए कुछ नहीं बदला
सुशांत के ताऊ रामकिशोर सिंह, ताई पद्मा देवी और चचेरे भाई अमिताभ आनंद सदमे से अब भी उबरे नहीं हैं। सुशांत के चाचा मानबोध सिंह महाराष्ट्र सरकार और वहां की पुलिस के रवैए से गुस्से में हैं। उन्होंने कहा- हमारा बच्चा चला गया। हमारे लिए तो वह दिन हो या आज का दिन, कुछ नहीं बदला है और न बदलेगा। सुप्रीम कोर्ट और बिहार पुलिस का धन्यवाद। अब सुप्रीम कोर्ट हमारे सुशांत के हत्यारों को सजा तक पहुंचाए। सुशांत की हत्या में बड़े-बड़ों का हाथ है, इसलिए मुंबई पुलिस उन्हें बचाने के लिए घिनौनी हरकत पर उतरी हुई थी।


सुप्रीम कोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश से सुशांत के पुश्तैनी घर में रहने वाले परिवार के लोग खुश तो हैं, लेकिन वे इसे बड़ा दिन नहीं मानते। उन्हें गुनहगारों को सजा का इंतजार है।

सुप्रीम कोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश से सुशांत के पुश्तैनी घर में रहने वाले परिवार के लोग खुश तो हैं, लेकिन वे इसे बड़ा दिन नहीं मानते। उन्हें गुनहगारों को सजा का इंतजार है।

मां के नाम पर स्कूल खोलना चाहते थे सुशांत
सुशांत को याद कर चाचा मानबोध सिंह की आंखें डबडबा आती हैं। वह एकटक जमीन को निहारते हैं, फिर खुद को संभालते हुए कहते हैं- पिछली बार सुशांत 20-22 घंटे के लिए आया था और उसने यहां अपनी मां के नाम पर उषा इंटरनेशनल गर्ल्स स्कूल खोलने की बात कही थी। उसकी मुराद उसके साथ ही चली गई।


हमारा तो बच्चा चला गया, अब कोई कुछ करे, वह तो लौटेगा नहीं। लेकिन, यह हत्या है, आत्महत्या नहीं। महाराष्ट्र पुलिस बहुत नीचे गिर गई। इसे आत्महत्या बताया और फिर इसे साबित करने में वक्त काटती रही। सुशांत के हत्यारों को बचाने के लिए उद्धव ठाकरे ने खुद को इतना गिरा लिया है कि उनके लिए कुछ कहना ही बेकार है।



 

हत्या के एंगल से जांच करेगी सीबीआई


सुशांत के परिवार के वकील ने बताया है कि सीबीआई हत्या के एंगल से ही केस की जांच करेगी। दरअसल, सीबीआई ने सुशांत के परिजन से पिछले हफ्ते ही पूछताछ की थी, तब उन्होंने हत्या की आशंका जाहिर की थी। ऐसे में अब हम केस में कोई कागज नहीं देंगे, तब भी सीबीआई हत्या के एंगल को ध्यान में जरूर रखेगी।